Sunday, February 14, 2010
१३ फरवरी २०१० को जर्मन बेकरी में हुए आतंकवादी हमले की जितनी भी निंदा की जाये वह कम है. एक बार फिर से वो अपनी नापाक चाल में कामयाब हो गए ,पर हमारे हौसले को कभी परास्त नहीं कर सकते .हम अपनी हिम्मत से उन्हें अपनी जड़े नहीं जमाने देंगें. जो लोग इस बम धमाके की चपेट में आयें हैं ईश्वर उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे दुःख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ है .
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- PURNIMA BAJPAI TRIPATHI
- Kanpur, Uttar Pradesh, India
- मै पूर्णिमा त्रिपाठी मेरा बस इतना सा परिचय है की, मै भावनाओं और संवेदनाओं में जीती हूँ. सामाजिक असमानता और विकृतियाँ मुझे हिला देती हैं. मै अपने देश के लोगों से बहुत प्रेम करती हूँ. और चाहती हूँ की मेरे देश में कोई भी भूखा न सोये.सबको शिक्षा का सामान अधिकार मिले ,और हर बेटी को उसके माँ बाप के आँगन में दुलार मिले.