और यह कहना की
प्रेम न बाड़ी उपजे
प्रेम न हाट बिकाय
सत्य ही है .
क्योंकि इसके लिए तो
हृदय की उर्वर जमीन
और भावनाओ संवेदनाओ
का बीज चाहिए.
भावनाए जो चिटक कर
बिखरती है तो
जोडती है दो तारों को,
जिनको कसने से गूँज
उठता है मधुर संगीत
और जाग जाते हैं
सुप्त इंसान .
संवेदनाएं जब उभरती है
तो परिचित कराती हैं
मानव को मनुष्यत्व से,
और भगाती हैं कुंठाएं
बनाती है महान.
पूर्णिमा बाजपेयी त्रिपाठी
संवेदनाएं जब उभरती है
ReplyDeleteतो परिचित कराती हैं
मानव को मनुष्यत्व से,
और भगाती हैं कुंठाएं
बनाती है महान.
लाजवाब पंक्तियाँ
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