मां भारती मां सरस्वती
मां भारती मां सरस्वती
हे शारदा हंस वाहिनी,
दे ज्ञान चक्षु बनाओ ज्ञानी
मन क्लेश हरो वरदायिनी।।
वागेश्वरी मति गति सुधारो
चित्रांबरा वीणा को धारो,
कंठ में बसे वेद चारों
करके कृपा हमको उबारो।।
भुवनेश्वरी हे चंद्रकांति
श्वेत कमला धवल वसना
हे विशालाक्षी जी धारो।।
मातु ममता का पिटारा
खोल आशीषों को वारो,
ब्रम्हजाया जगत जननी
भर ज्ञान की अंजुरी वारो।।
महाभागे कमल लोचनि
हर के जड़मति हमको तारो,
सुरपूजिता हे पद्मनिलया
मैं हूं अकिंचन अंश तेरा
कौमुदी,दृष्टि मेरी ओर डारो।।
पूर्णिमा त्रिपाठी, बाजपेयी
8707225101